मा बनना हर महिला का जीबन का सबसे खुबसूरत पल होता है| इस दौरान महिलाये सबसे ज्यादा शारीरिक और मानसिक बदलाब का सामना करती है, जिसके कारन डॉक्टर्स उन्हें कम से कम सुरुआती 12 सप्ताह तक संतुलित आहार लेने का सलाह देते हैं| और ये बताते है की प्रेगनेंसी में क्या क्या खाना चाहिए?

NCB के अनुसार Pregnant Ladies को प्रतिदिन 300 से अधिक कैलोरी की अबस्यकता होती है| प्रेगनेंसी के दौरान सहीं केयर स्वस्थ संतान के जन्म में बहुत अच्छा साबित हो सकता है| इसलिए हम आपको बताते है की आप जब प्रेग्नेंट हैं तो कोसीस ये करें की स्वस्थ आहार और स्वस्थ भोजन का उपयोग करें क्यों की ये सिर्फ आपका ही ख्याल नहीं रखता है बल्कि आपके आनेवाले बच्चे का भी बहुत ज्यादा ख्याल रखने में मदद करता है| और अधिक जानकारी के लिए हमारे इस पोस्ट को पढ़ते रहें, इसके अन्दर आपको वह हर जवाब मिलेगा जो आप सोच रहें हैं, या ढूंढ रहे हैं|
जेसे की:-
- प्रेगनेंसी में क्या क्या खाना चाहिए?
- प्रेगनेंसी में क्या क्या नहीं खाना चाहिए?
- प्रेगनेंसी में रक्त बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए?
- पेट के अन्दर जो बच्चा है उसका केसे ख्याल रखना चाहिए?
- कितनी मात्रा में प्रोटीन लेना चाहिए?
- ज्यादा बजन उठाना चाहिए या नही?
- ज्यादा लम्बा सफ़र करना चहिये या नही?
- दारु सिगरेट गुटखा का उपयोग करना चाहिए या नहीं?
- किन किन समय में अपना टेस्ट करते रहना चाहिए?
- प्रेगनेंसी में संतुलित आहार का महत्व (Importance of a Balanced Diet in Pregnancy)
प्रेगनेंसी में संतुलित और पौष्टिक आहार मा और शिशु दोनों को स्वस्थ रखने में मदद करता है| येही कारन है की प्रेगनेंसी के पहले महीने से ही क्या क्या नहि खाना चाहिए, इसकी भी जानकारी आपको अबस्य होनी चाहिए |
2.प्रेगनेंसी में जरुरी पोषक तत्व (Essential Nutrients in Pregnancy)
प्रेगनेंसी के दौरान महिलायों के आहार में कुछ आबश्यक विटामिन या पोषक तत्व होने बहुत जरुरी है| इसमें भ्रूण और बच्चे का बिकास अच्छे से होता है, अगर प्रेगनेंसी महिला सभी आबश्यक तत्व का सेबन करती है, तो बच्चे का जन्मजात बिकाशों का खतरा भी बहुत कम हो जाता है|
अगर कोई महिला प्रेगनेंसी के दोरान खानपान में ध्यान नही देती है, तो इसका नेगेटिव असर होने बाले बच्चे पर देखने को मिल सकता है| महिलायों को अपने प्रेगनेंसी के दौरान निम्न अबश्यक तत्व को अपने आहार में सामिल करना बहुत जयादा जरुरी है-
- मल्टी विटामिन
- कार्बोहायड्रेट
- प्रोटीन
- कैल्शियम
- आयोडीन
- फोलिक एसिड
- आयरन
प्रेगनेंसी मे क्या क्या खाना चाहिए?

हम सुरु से ही कहते आ रहे हैं की प्रेगनेंसी में खानेपीने का बिशेष ध्यान रखें, रिसर्च में भी यह पाया गया है की स्वस्थ और संतुलित आहार प्रजनन ख्य्मता को बढाता है, और स्वस्थ संतान की प्राप्ति में सफल हो सकते हैं, बिस्तार में जाने की प्रेगनेंसी में क्या क्या खाना चाहिए-
- अधिक फाइबर: प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज की समाश्या होना एक आम स्थिति है| इस दौरान अपने पाचन क्रिया को स्वस्थ रखने के लिए अपने खानपान में फाइबर की मात्रा को बढ़ाना बहुत जरुरी है, क्यों की इससे गैस या कब्ज होने की समस्या बहुत कम हो जाता है|
- हरे पत्तेदार सब्जिया खाएं:
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अपने आहार में हरी पत्तियों वाली सब्जी की सेबन की सलाह दी जाती है| पालक, पत्ता गोभी और ब्रोकोली प्रेगनेंसी महिलाओं के लिए बहुत ज्यादा लाभ दायक साबित हो सकता है| चलिए अब बात करते है की प्रेगनेंसी में कोंसी सब्जी नही खानी चाहिए, बैंगन,कच्ची सब्जिया और करेला प्रेगनेंसी महिलायों के लिए हानिकारक हो सकती है|
- डेयरी प्रोडक्ट:
डेयरी प्रोडक्ट गर्वबती महिलायों के लिए बहुत ज्यादा आबस्यक होती है| दूध, छाच, दही और घी प्रेगनेंसी के दौरान शिशु के बिकास के लिए प्रोटीन और कैल्शियम प्रदान करते हैं|
- फल और उनके रस का सेबन करें:
ताजे फल और उनका रस प्रेगनेंसी में मा और बच्चे, दोनों लोगो को सहीं प्रोटीन देने में लाभदायक साबित हो सकते हैं| सेव, तरबूज, संतरा, नाशपाती, और उसका रस आपके स्वस्थ के लिए बहुत ही लाभदायक साबित हो सकता है| और स्वस्थ संतान जन्म देने में मदद कर सकता है| इससे आपको एक और प्रशन का उत्तर मिल गया होगा की गर्वबती महिलायों नको कोनसा फल का सबन करना चाहिए, लेकिन पपीता, अनानास और अंगूर से गर्वबती महिलायों को बहुत दुरी बनायें रखना चाहिए|
- सुखा मेवा खाएं:
प्रेगनेंसी में ड्राई फ्रूट्स का सेबन बहुत लाभकारी होता है| बादाम, अखरोट, और काजू को अपने आहार में सामिल करें क्युकी ये कई तरह के विटामिन,कैलोरी, फाइबर, और ओमेगा 3 फेटी एसिड से भरपुर होता है, इसकी आबश्यकता मा और बच्चा दोनों को ही बहुत आबस्यक माना गया है| इसकी आबस्यकता माँ और बच्चे दोनों को ही होती है|
- अंडे खाएं:
अंडा एक पोष्टिक आहार है| अंडे में प्रोटीन, बायोटिन, कोलेस्ट्राल, विटामिन-डी और एंटी ओक्सिडेंट की मात्र अधिक होती है, जो एक गर्वबती महिला के लिए बहुत ज्यादा जरुरी साबित होता है|
- होल ग्रेन:
होल ग्रेन जेसे की ओट्स, ब्राउन राइस और किनोवा को प्रेगनेंसी महिलाएं अपने भोजन में सामिल कर सकती है|
चलिए इसे एक आसन सब्दो में इस टेबल के माध्यम से समझ ते है| इसके कुछ और बिशेस बिंदु है, जिसपर आपका ध्यान जाना जरुरी है,
खानेवाले पदार्थ | क्या खाएं | मा और बच्चे को लाभ |
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ | होल ग्रेन,गाजर,चुकंदर जेसी सब्जिया और सेव और नाशपाती| | पाचन समाश्या को लाभ करता है और कब्ज जेसी बीमारी को भी ठीक करने में मदद करता है| |
हरे पत्तेदार सब्जिया | पालक, पत्ता गोभी, और ब्रोकोली| | आयरन,फोलिक एसिड और विटामिन रक्त निर्माण और भ्रूण के बिकाश में सहायक होते है| |
डेयरी प्रोडक्ट | दूध, दही, छाच और घी | इसमें प्रोटीन और कैल्सियम मिलता है, जिससे बच्चे का बिकाश अच्छे से हो पाता है| |
फल और जूस | सेव, तरबूज, संतरा, नाशपाती और इसके ताजे जूस| | इनके सेबन से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, सरीर में पानी की कमी नही होने देती है, और विटामिन नबजात शिशु को स्वस्थ रखने में मदद करता है| |
ड्राई फ्रूट्स | बादाम, काजू,और अखरोट | यह फाइबर विटामिन और ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होते है, जो बच्चे का दिमाग और बच्चे का बिकाश में बहुत ही जरुरी भूमिका निभाते हैं| |
अंडे | उबले अंडे | अंडे प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जिससे विटामिन-डी और एंटी ओक्सिडेंट होते है, जो बच्चे के दिमाग और मा के स्वस्थ के लिए आबस्यक होते हैं, इसे सरीर में एक एक्स्ट्रा एनर्जी भी बनता है| |
होल ग्रेन | ओट्स, ब्राउन राइस, किनोवा | | इससे सरीर में ताकत लगातार बनी रेहती है, पाचन तंत्र मजबूत रहता है और (Diabetes) सुगर बीमार का भी खतरा कम रहता है| |
लीन प्रोटीन | चिकन, टर्की, मछली (कम फैट वाली) टोफू और दाल | | इसके सबन से मांसपेसिया जल्दी रिकवर होते हैं और बच्चे स्वस्थ त्योचा के साथ जन्म लेते हैं| |
हेल्थी फैट | अवकाड़ो,ओलिव आयल, फ्लेक्स सीड्स, चिया सीड्स और फैटी फिश | बच्च के दिमाग के बिकस के लिए बही जरुरी पदार्थ है, इसके साथ साथ सुजन, जलन, और आलसी होने से बचाता है, और मा के हृदय को भी स्वस्थ रखता है| |
फलिया | चने, काली बिन्स, राजमा, मटर और दालें| | यह सबसे बेस्ट प्रोटीन होता है, जो फाइबर और आयरन से भरपूर होता है, और रक्त का प्रबाहित सहीं तरीके से करने में मदद करता है| |
प्रोबायोटिक फ़ूड | दही, किमची, केफिर, और सौकरकूट,जेसे खाद्या पदार्थ | | आंतो के स्वस्थ्य को बढ़ाबा देता है, पाचन में सुधार करता है, और माँ और बच्चा दोनों के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है| |

1.प्रेगनेंसी के सुरुआती दिनों में क्या क्या नहीं खाना चाहिए|
प्रेगनेंसी के शुरूआती दिनों में आपको कुछ खाद्य पदार्थो से थोडा दुरी बनाने की सलाह दिया जाता है, जेसे की:-
- मरकरी वाली मछलिया: स्वोर्डफ़िश, शार्क और किंग मैकरल जेसे मछलियों को खाने से बचे, क्योंकि यह बच्चे के तंत्रिका तंत्र को हानि पहुंचा सकता है|
- कच्चा और अधपक्का मांस, और सीफूड: यह सालमोनेला और लिस्टिरिया से परिपूर्ण होते हैं, जिनमे की हानिकारक बेक्टेरिया होते हैं, जो फ़ूड पोइसोनिंग का भी वजह बन सकता है|
- बिना धुले कच्चा अंकुरित अनाज का सेबन न करें:
इनमे बेक्टेरिया होता है, जिससे प्रेगनेंसी के दौरान संक्रमण का प्रॉब्लम बढ़ जाता है|
- बिना धुले फल और सब्जिया: फल और सब्जिओ को कभी भी बिना धुले नहीं खाना चाहिए, क्युकी उसमे कुछ हानिकारक पदार्थ हो सकते हैं|
- शराब: प्रेगनेंसी महिलाओं को गलती से भी शराब, सिगरेट या कोई भी नशीली पदार्थ का सेबन नहीं करना चाहिए, ये नब्जात शिशु को बहुत हानि पहुंचा सकता है|
- अधिक केफीन: ज्यदा केफीन का सेबन करना भी सेहत में बुरा असर पड़ता है, और प्रतिदिन 200ml से ज्यादा केफीन प्रेगनेंसी महिलाओं को नहीं लेना चाहिए, इससे मिस्केरेजे की स्थिति भी बन सकता है|
- प्रोसेस्ड फ़ूड और जंक फ़ूड: प्रेगनेंसी के समय में बाहर का कोई भी फ़ूड को खाना नहीं चहिये, जेसे की केक,पेस्ट्री, चिप्स इत्यादि आपको नहीं पता की वह टेस्ट बढाने के लिए क्या क्या मिक्स किया है उस खाने में, नमक और चीनी से भी बचना चाहिए आपको ज्यादा से ज्यादा फल फ्रूट का सेबन करना चाहिए|
ऊपर बताये गए सभी पॉइंट को आप ठीक से पढ़ के अपना और अपना आनेवाले बच्चे का ख्याल और ध्यान अछे से रख सकते है, और एक स्वस्थ प्रेगनेंसी में आप सफल हो सकते हैं|
प्रेगनेंसी में कुछ बातों का ख़ास ध्यान रखना चाहिए, जेसे की:-
- कितनी मात्रा में पानी पीना चाहिए: एक दिन में कम से कम चार लीटर पानी पीना ही चाहिए, इससे बॉडी हेल्थी रहता है, और जो भी बिशाक्त पदार्थ सरीर के अन्दर रहता है वह आसानी से बहार निकल जाता है|
- खुद कोई भी दबा या मेडिसिन का सेबन नहीं करना चाहिए: अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी दबा का सेबन करते हैं, तो वह आपके बच्चे को हानि पहुंचा सकता है, डॉक्टर्स के सलाह के बिना कोई भी दबा का सेबन नहीं करना चाहिए, और इसके साथ साथ प्रेगनेंसी का जाँच जरुर करवाते रहना चाहिए|
- केफीन को कम से कम मात्रा में लें: प्रेगनेंसी महिलाओं को चाय,कॉफ़ी,चॉकलेट, से बहुत दुरी बनाना चाहिए, क्युकी केफीन रक्त संचार में बाधा उत्पन्न करता है|
- कच्चा पपीता नहीं खाना चाहिए: कच्चा पपीता के सेबन से बचना चाहिए क्युकी उसमे एक रसायन होता है, जिसके कारन भ्रूण को नुकसान या गर्व नस्ट (Miscarriage) हो सकता है|
- अंकुरित पदार्थ नहीं खाना चाहिए: गर्वबस्था समय अंकुरित पदार्थ का भी सेबन नही करना चाहिए, सालमोनेला (Salmonella) लिस्टिरिया (Listeria) और ई-कोलाई (E-Coli) जेसे बेक्टेरिया उन अंकुरित पदार्थ में होते हैं, जिसके कारन महिलायों को फ़ूड पोइसिंग हो जाता है और प्रेगनेंसी में समश्या हो सकता है|
- ब्यायाम करना चाहिए: हल्का फुल्का ब्यायाम आबश्यक है| पहले के ज़माने में प्रेगनेंसी में भी घर के सारे काम करने के सलाह दिया जाता था | इसके अलाव UTI के मामलो में भी डॉक्टर्स कुछ ख़ास प्रकार के ब्यायाम करने की सलाह देते हैं|
- थाइरोइड और प्रेगनेंसी की जांच समय समय पर करवाते रहना चाहिए: हाइपोथाइरोइड के स्थति में मिस्कैरेग होने का खतरा ज्यादा रहता है, एसे स्थति में समय समय पर अपना जांच करवाना बहुत जरुरी है| बिषिस्ट तौर पर थाइरोइड और प्रेगनेंसी की जांच करवाना बहुत ज्यादा जरुरी है|
- योन गतिबिधियों के बारे में डॉक्टर्स के साथ संपर्क जरुर करे: प्रेगनेंसी के बाद योन गतिबिधियाँ सिमित हो जाता है, सामान्यतः डॉक्टर्स पहली तिमाही में हफ्ते में सिर्फ एक बार योन सम्बन्ध बनाने के लिए बोलते है|
- आखरी महीने में रहें साबधान: प्रेगनेंसी के आखरी माह में साबधान रहने की बहुत ज्यादा जरुरी होता है, समय समय पर अपने डॉक्टर्स से मिले और उनका जो सलाह देंगे उसका पालन करें, और डॉक्टर्स के संपर्क में रहें|
जो भी बताया गया है,ये सारे निर्देशों का पालन करके आप आपना और अपने बच्चे का स्वस्थ को मजबूत बना सकते हैं|
निष्कर्ष
प्रेगनेंसी में आहार एक अहम किरदार निभाता है, अगर आप सहीं आहार ले रहें हैं, और सही तरीके से अपना स्वस्थ का ध्यान रख रहे हैं, तो आप एक स्वस्थ मा के साथ साथ एक स्वस्थ बच्चे को जनम देने में सफल हो पाएंगे|
प्रेगनेंसी की डाइट से सम्बंधित,सबसे ज्यादा पूछे जानेवाले प्रश्न?
क्या प्रेगनेंसी में चिकन खा सकते है?
हां, प्रेगनेंसी में चिकन खाना चाहिए | चिकन पोस्टिक आहार में आता है जो की प्रोटीन, आयरन और अन्य आबश्यकता पूरा करने का एक बहुत ही अच्छा स्रोत है, प्रेगनेंसी में चिकन खाने से बच्चा और मा दोनों को लाभ मिलत है|
प्रेगनेंसी में सुबह नास्ते में क्या क्या खाना चाहिए?
प्रेगनेंसी में उलटी होने पर कुछ हलके और आसानी से पचने वाले खाद्य का सेबन करना चाहिए| इन खाद्य पदार्थो में फाइबर, प्रोटीन,और कारबोहाइड्रेट जेसे पोषक तत्यो होते हैं, जो सरीर को उर्जा प्रदान करते है, और उलटी को कम करने में मदद करते हैं|
गर्वब्ती महिलाओं को कोनसा फल फ्रूट खाने से लाभ मिलत है?

ज्यादा तर महिलायों के मन में ये प्रश्न होता है की, गरवासय के समय में कोनसा फ्रूट हमे अच्छा लाभ देता है, तो हम ये बताते हैं की, कीवी, आम, चेरी, स्ट्रॉबेरी, नाशपाती, सेव चीकू, तरबूज,शरीफा, खरबूजा, अनार, संतरा, केला इत्यादि फल का सेबन कर सकते हैं,
प्रेगनेंसी के पाहिले महीने में क्या खाना चाहिए?
पाहिले महीने में बच्चे का नर्बस सिस्टम का निर्माण होता है, जिससे बच्चे का अच्छा बिकाश के लिए हर्रे पत्तेदार सब्जिया, खट्टे फल और कुच्छ ग्रेन्स का सेबन कर सकते हैं| लीन प्रोटीन होल ग्रेन्स और डेरी उत्पाद से आपको बहुत लाभ मिल सकता है|
प्रेगनेंसी में रक्त बढ़ाने के लिए क्या क्या सेबन करना चाहिय?
अपने आहार में रेडमीट, मुर्गा,मछली, दही, फलिया, और पत्तेदार सब्जिया सामिल करें, सरीर में आयरन को बढाने के लिए शिमलामिर्च और संतरे जेसे पदार्थो का उपयोग करें|
प्रेगनेंसी के दौरान मूंगफली का सेबन करना चाहिए या नहीं?
हाँ, आप मूंगफली बिलकुल खा सकते है, क्युकी ये भी प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है, और मूंगफली फोलेट प्रोटीन पाया जाता है|
प्रेगनेंसी के 7वे महीने में क्या क्या खाना चाहिए?
प्रेगनेंसी के तीसरी तिमाही के दौरान बच्चे के हड्डियों के सहायत के लिए आप दूध, दही, डेरी उत्पाद चीजे खा सकते हैं, और बादाम का भी सेबन कर सकते है| प्रेगनेंसी के दौरान नारियल पानी भी एक बहुत अच्छा स्रोत है, उसके फ़ायदा आप इस फोटो में देख सकते है|

यह जो भी बताया गया है, ये सिर्फ आप लोगो तक जानकारी पहुँचाने के लिए, आप इसे पढ़िए और अपने डॉक्टर्स के सलाह के बिना प्रेगनेंसी के टाइम पे कोई भी कदम न उठायें|