थाइरोइड क्यों होता है? कारन, लक्षण और इलाज-Thyroid in Hindi

थाइरोइड क्यों होता है? ये जानने से पहले हम ये जानने की कोशिस करेंगे की थाइरोइड होता क्या है? हमारे गर्दन के निचले भाग में एक ग्लैंड होता है, जो की तितली कि तरह दिखाई  देता है| जिसका काम ये होता है की हमारे सरीर में बहुत सारे गति बिधिया होती है उसे कंट्रोल करना और सरीर के लगभग सारे अंग को प्रभावित करना सरीर के तापमान, मूड और व्यवहार को मैनेज करता है, उसे हम मेडिकल भासा में थाइरोइड कहते है|

 थाइरोइड क्यों होता है? कारन, लक्षण और इलाज
थाइरोइड क्यों होता है? कारन, लक्षण और इलाज

आज के समय में थाइरोइड के बोमारी तेजी से बढ़ रही है, इस बीमारी में बजन घटता है और उसके साथ हारमोंस भी ऊपर निचे हो जाता है| थाइरोइड की समाश्या पूरी दुनिया में पाई जाती है लेकिन सबसे ज्यादा अमेरिका में पाया जाता है| भारत में 2021 के आकड़ों के अनुसार लगभग 4.2 करोड़ लोग इसी बीमारी से जूझ रहे हैं| आयुर्वेद के अनुसार थाइरोइड होने का कारन वात, पित्त, और कफ से सम्बंधित है| जब थाइरोइड ग्लैंड की खराबी की वजह से थाइरोइड से जुडी समश्यायें निकल आती है|

Thyroid Gland Triiodothyronine (T3) और Thyroxine (T4) हार्मोन का निर्माण करती है, इन दोनों को आम बोलचाल की भाषा में थाइरोइड हार्मोन कहा जाता है, T3 और T4 हार्मोन का काम सरीर के बहुत से एक्टिविटीज को कम करना|

यह हार्मोन कैलोरी खपत को कंट्रोल करके वजन को बढ़ने या घटने में मदद करते हैं| बॉडी की जो तापमान होती है उसे कंट्रोल में रखतें हैं| और मंस्पेसिया के सिकुड़ने वाली जो समाश्या होती है उसे भी कंट्रोल करते हैं|

थाइरोइड बीमारी क्या है? थाइरोइड क्यों होता है? ( What is Thyroid disease in Hindi)

थाइरोइड गर्दन के अंदर स्थित होती है, थाइरोइड एक तरह का एंडोक्राइन ग्रंथि है| जो हार्मोन का निर्माण करते हैं, यह एक बहुत ही आम दोष है जो की पुरुषों के बदले महिलायों में थोडा ज्यादा पाया जाता है| तो आइये आज हम इसी ब्लॉग में ये जानने की कोशिस करेंगे की थाइरोइड क्यों होता है? थाइरोइड कैसे ठीक होता है, थाइरोइड का इलाज क्या है? और भी थाइरोइड के बारे में बहुत कुछ |

महिलायों में थाइरोइड क्यों होता है?(Why does thyroid occur in women in Hindi)

थाइरोइड एक एसी बीमारी या रोग है जो की महिलायों में सबसे ज्यादा पाया जाता है, इसीलिए हम सबसे पहले ये समझते है की महिलायों में थाइरोइड क्यों होता है? महिलायों में थाइरोइड के बहुत से कारन हो सकते है जैसे की:- वायरल इन्फेक्शन के चपेट में आना, लंबे समय तक तनाव (स्ट्रेस) में रहना, गर्वावस्था के बाद सरीर में बदलाव आना सरीर में आयोडीन की मात्रा कम होना, और महिला के सरीर में हार्मोंस अनबैलेंस होना|

यह कारणों के साथ साथ और भी कुछ जोखिम कारन है| महिलाओं में थाइरोइड बढ़ने के कारन सांस लेने में बहुत तकलीफ होता है, ओए गर्दन में सुजन दर्द एसे बहुत से समश्या दिखाई देने लगता है| इसके अलावा बहुत बार महिलाओं का रिप्रोडक्टिव साइकल गंभीर रूप से एफेक्ट होता है|

थाइरोइड कितने प्रकार का होता है? (How many types of Thyroid in Hindi)

मुख्यतः थाइरोइड दो प्रकार के होते हैं:-

  1. हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) में वजन बढ़ता है |
  2. हाइपरथायरायडीस्म (Hyperthyroidism) में वजन घटता है

हाइपोथायरायडिज्म में थाइरोइड ग्लैंड पर्याप्त मात्रा में हार्मोन नहीं बनाती है| जब की हाइपरथायरायडीस्म में थाइरोइड ग्लैंड बहुत अधिक मात्रा में हार्मोन बनाती है |

  1.  हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism)
Hypothyroidism
Hypothyroidism

 ये एक येसी स्थिति है जो की थाइरोइड ग्लैंड पर्याप्त मात्रा में हार्मोन नहीं बनाती है| जिस कारन से मेटाबोलिज्म भी धीमा हो जाता है, इसी स्थिति में जो भी लक्षण होते हैं वह धीरे धीरे उत्त्पन होते हैं

  • वजन बढ़ना: (Weight gain) अगर बिना कारन से आपके वजन में बढ़ोतरी होता है तो आप को समझ जाना चहिये की आपको हाइपोथायरायडिज्म का संकेत दे रहा है |
  • कोल्ड इन्टोलोरैंस: ( Cold Intolerance) यदि आपको बहुत ज्यादा ठंड लगे तो, यह भी एक खतरे का संकेत हो सकता है |
  • ड्राई स्किन एंड हेयर: (Dry Skin & Hair) ये लक्षण थोडा ज्यादा ही दिखाई दे सकते हैं, जिससे की स्किन ड्राई होना और पिला पिला दिखना आम लक्षण है; बाल रूखे सूखे होके झड़ने लगते हैं |
  • थकान: (Tiredness) आराम करने के बाद भी लगातार थकान महसूस होना, ये दर्शाता है की आप हाइपोथायरायडिज्म का सामना कर रहे हैं |
  • कब्ज: (Constipation) कब्ज का समश्या बहुत से स्वस्थ्य समश्या को संकेत करती है |
  • धीमी हृदय गति: (Slow Heart Rate) सामान्य सीमा से बहुत धीमी हृदय गति होना यह दर्शाता है की आप कोई बहुत ही गंभीर स्वस्थ समश्या का सामना कर रहे हैं |
  • डिप्रेशन: ( Depression) उदासी होना अस्वस्थ होने की भावना भी एक गंभीर स्वस्थ्य का संकेत देता है |
  • मेमोरी सम्बंधित समश्यायें: (Memory Related Problems) यह एक येसी प्रॉब्लम है जो की ध्यान को केन्द्रित कर सकता है, यानि कोनसा चीजे कहाँ रखा है ये याद नहीं आना, या किसी बी चीज को  याद रखने में कठिनाई होना |

सामान्यतः ये दोनों थाइरोइड में कुछ एक जैसे ही लक्षण दिखाई दे सकते हैं, इसी लिए किसी भी लक्षण को नजर अंदाज न करें, क्योंकि अपना सरीर का ध्यान हमे खुद को ही रखना पड़ता है, इसीलिए कोई भी लक्षण दिखे तो जल्द से जल्द डॉक्टर्स से मिले और उनका परामर्स लें और सठिक इलाज कराएँ |

  • हाइपरथायरायडीस्म (Hyperthyroidism)
Hyperthyroidism
Hyperthyroidism

हाइपरथायरायडीस्म की इसी स्थिति में थाइरोइड ग्लैंड हार्मोन का अधिक उत्पादन करती है, जिससे की मेटाबोलिज्म तेज हो जाता है, इसी स्थिति में बहुत से एसे लक्षण उत्तपन होता है जैसे की:-

  • गर्मी सहन न होना और बहुत ज्यादा पसीना आना: (Intolerance to heat and excessive Sweating) ठंडे जगह पर या ठंडे बातावरण पर भी अगर गर्मी का एहसास हो रहा है तो इसी स्थिति में एक बहुत बड़ा लक्षण दर्शाता है |
  • कांपना: (Tremble) जिसे की कपकपी भी कहा जता है, हाथ ऊँगली और सरीर में अगर कंपन महसूस हो रहा है तो इसी रोग का ये भी मुख्य लक्षण हो सकता है |
  • बिना कारन वजन में बदलाव: (Changes in Weight without any Reason) अगर बिना किसी कारन से डरीर का वजन कम हो रहा है, तो इसके वजह से बहुत से प्रॉब्लम का सामना करना पड़ सकता है |
  • घबराहट और चिडचिडा हो जाना: ( Nervousness and Irritability) बिना किसी कारन से अपने आप को गुस्सा आना या चिडचिडापन होना, बैचेनी, और मूड स्विंग का भावना होना भी इसी स्थिति का एक मुख्य लक्षण है |
  • तेज या अनियमित दिल की धड़कन: ( Irregular Heartbeat) लगातार तेज हृदय गति अक्सर 100बिट प्रति मिनट से अधिक, या अनियमित हृदय ताल इसी रोग का एक बहुत ही मुख्य लक्षण है |
  • नींद की समाश्या: ( Sleep Problems) बार बार नींद बिना वजह खुल जाना या सोने में कठिनाई होना, इस लक्षण का एक येसा संकेत है जिसे नजर अंदाज नहीं करना चाहिये |
  • मंश्पेसिया में कमजोरी: (Muscle Weakness) नॉर्मली सरीर के उपरी भाग भुजाओं और जांघो में जिसकी नियमित गतिबिधियाँ में प्रोब्लम हो वंहा कमजोरी बहुत आती है |
  • मासिक धर्म में कुछ समश्यायें: (Menstrual Problems) महिलाओं के पीरियड्स में गड़बड़ी होना, कम आना, क्लियर न अना, या पूरी तरह से बंद हो जाना ये बताता है की सरीर में हार्मोनल चेंजेस हुए हैं |

अगर आप मे से किसी को भी ये सारे लक्षणों में से कोई भी लक्षण अगर महसूस होता है तो, आपको ये जानने की बहुत जरुरी है, की थाइरोइड क्यों होता है? और बिना देरी किये जल्द से जल्द डॉक्टर्स से मिले ओर इलाज लें |

क्या महिलाओं में थाइरोइड होना कैंसर का भी लक्षण है? थाइरोइड क्यों होता है? (Is thyroid in women also a symptom of cancer in Hindi)

येसा तब होता है जब महिलाओं के डी.एन.ए में कुछ बदलाव हो जाये, हालाँकि इसी स्थिति के बारे में भी लोगों को पता होना जरुरी है| बहुत ही कम मामलों में थाइरोइड कैंसर का रूप लेती है| महिलाओं में थाइरोइड कैंसर का कुछ लक्षण दिखाई दे सकता है जैसे की –

  • खांसी
  • आवाज़ में बदलाव
  • खाना निगल ने बक्त दर्द
  • गर्दन और गले में दर्द
  • लिम्फ नोड्स में सुजन
  • गर्दन पर गांठ महसूस होना

उपरलिखित कुछ लक्षण अगर दिखाई देने लगे तो एक अछे अनुभवी डॉक्टर्स से परामर्स लें | और ये जानने की कोसिस करें की थाइरोइड क्यों होता है?

थाइरोइड से जुडी कुछ समश्यायें, थाइरोइड क्यों होता है?(Some Problems Related to Thyroid in Hindi)

जब थाइरोइड ग्लैंड कम या अधिक मात्रा में हार्मोन बनाने लगता है, तब थाइरोइड से जुडी समश्यायें पैदा हो जाती है| अगर येसा होता है तो सरीर का काम करने का बैलेंस बिगड़ जाता है| इसके अलावा थाइरोइड ग्लैंड में कैंसर वाली कोशिकाएं बनने या सुजन होने के कारन हार्मोन में अन बैलेंस हो जाता है|

जिसके कारन हाइपोथायरायडिज्म, हाइपरथायरायडीस्म और थाइरोइड कैंसर का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ने लग जाता है|

हाइपरथायरायडीस्म के स्थिति में थाइरोइड ग्लैंड अधिक एक्टिव हो जाता है, जिसके कारन अधिक मात्रा में थाइरोइड हार्मोन का निर्माण होने लगता है| वेसे तो हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति में थाइरोइड ग्लैंड से कम मात्रा में थाइरोइड हार्मोन का निर्माण होता है|

 Thyroid Cancer
Thyroid Cancer

थाइरोइड कैंसर एंडोक्राइन कैंसर का सबसे खतरनाक रूप होता है| टिश्यू के आधार पर थाइरोइड कैंसर को दो भागो में बांटा जा सकता है| इसमें डीफ्रेंसिअल थाइरोइड कैंसर (Differential Thyroid Cancer) और एनाप्लास्टिक थाइरोइड कैंसर(Anaplastic thyroid Cancer) सामिल है|

महिलाओं में थाइरोइड के साइड इफेक्ट, (Side effects of thyroid in women? in Hindi)

जो महिला थाइरोइड के रोग से जूझ रही है तो उसी महिला का पुरे स्वस्थ्य पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है| इसी थाइरोइड बीमार के कारन महिलाओं का मासिकधर्म बहुत जल्दी या बहुत लेट से आ सकता है| हाइपोथायरायडिज्म, हाइपरथायरायडीस्म ओवूलेसन को प्रभावित कर सकते हैं| कुछ मामलों में यह ओवूलेसन को पुरीं तरह से बंद भी कर कर सकते हैं| अंडाशय से अंडा रिलीज हो कर फेलोपियोन ट्यूब में जाने की प्रक्रिया को ओवूलेसन (Ovulation) कहते हैं| थाइरोइड रोग के कारन अंडाशय में सिष्ट (Cyst) बन सकते हैं|

गर्भावस्था के दौरान थाइरोइड(Thyroid During Pregnancy)

 गर्भवती होने से थाइरोइड बिकारों के लक्षण नहीं बदलते हैं, भ्रूण पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह इसी बात पर निर्भर करता है की कोनसा थाइरोइड बिकार मौजूद है, और उसका इलाज  के लिए किन किन दबाईयों का उपयोग किया जा रहा है| गर्भावस्था के दौरान और बाद में माँ और बच्चे की बहुत ही बारीकी से ध्यान देना पड़ता है, डॉक्टर्स नियमित रूप से लक्षणों में बदलाव के लिए उनकी जाँच करते हैं, और थाइरोइड हारमोंस के लेवल को मापने के लिए ब्लड टेस्ट करते हैं| गर्वबस्था के दौरान भ्रूण को नुकशान पहुंचा सकता है| थाइरोइड हार्मोन की कमी के कारन गर्वपात, समय से पहले डिलीवरी, डिलीवरी से पहले शिशु की मृत्यु हो जाना पोस्टपार्टम हेमरेज (Postpartum hemorrhage) आदि का खतरा भी बढ़ जाता है |

विशेषज्ञ का यह भी मानना हैं की थाइरोइड रोग के कारन 40 बर्ष से पहले मेनोपॉज (Menopause) आ सकता है| इतना ही नहीं थाइरोइड हार्मोन में कम या ज्यादा के कारन हल्का या हैवी पीरियड्स, अनियमित पीरियड्स साईकल पीरियड्स का ना आना यह सब भी समश्या पैदा हो सकती है|

थाइरोइड कैसे ठीक होती है? (How is Thyroid cured? in Hindi)

 थाइरोइड को ठीक करने के लिए सबसे पहले आपको एक डॉक्टर्स से मिलना पड़ेगा और उनके सलाह के अनुशार दबाईयां लेना पड़ेगा और आपको अपने खानपान अपने आहार ओर अपने जीवनशेली में कुछ बदलाव करने पड़ेंगे जेसे की- आयोडीन युक्त आहार लेना और धुम्रपान नशा शराव आदि से बचना आपको कुछ प्रतिसत थाइरोइड के रोग से आराम दे सकता है, थाइरोइड के इलाज के लिए डॉक्टर्स सबसे पहले उसके लेवल को सामान्य करने का सुझाव देते हैं|

निदान के परिणाम के आधार पर ही डॉक्टर्स इलाज के जुझाव देते हैं, इसलिए लक्षणों का अनुभव होते ही आप सबसे पहले डॉक्टर्स से परामर्स लें |

महिलाओं में थाइरोइड बढ़ने से क्या होता है? (What happens due to enlarged thyroid in Women? in Hindi)

महिलाओं में थाइरोइड बढ़ने के कारन महिलाओं को बहुत से समश्यायों का सामना करना पड़ता है, जैसे की थाइरोइड ग्लैंड का आकार बढ़ना, वजन कम होना, घबराहट और चिडचिडापन होना, तनाव महसूस होना, सोने मे दिक्कत आना और आँखों में जलन होना इत्यादि|

थाइरोइड ठीक होने में कितना समय लगता है? (How long does it take for thyroid to heal? in Hindi)

इसका सठिक जवाब देना बहुत ही मुश्किल है| क्योंकि यह पूरी तरह से थाइरोइड रोग के प्रकार, गंभीरता, महिला की उम्र ओर पुरे स्वस्थ्य, उपचार के प्रकार आदि पर निर्भर करता है| कुछ मामलों में दबाईयों से कुछ हफ्तों या महीनो में सुधार देखा जा सकता है| जब की दुसरे कोई मामलों में ये बहुत ज्यादा समय लग सकता है |

थाइरोइड टेस्ट कैसे किया जाता है?( How is a thyroid Test done? in Hindi)

थाइरोइड टेस्ट जिसे कि थाइरोइड फंक्शन टेस्ट( Thyroid Function Test) भी कहा जाता है| ब्लड टेस्ट के माध्यम से किया जाता है| इसमें एक हेल्थ केयर प्रदाता आपकी बांह की ब्लड से सैंपल लेंगे, उसके बाद उसे थाइरोइड हार्मोन लेवल की जाँच के लिए भेजा जायेगा|

लाबोरोटरी में टेस्टिंग:

  1. रक्त के नमूनों को थाइरोइड हार्मोन के लेवल की जाँच के लिए लाबोरोटरी में भेजा जायेगा|
  2. मुख्यतः तिन प्रकार के हार्मोन की जाँच की जाती है, (Thyroid Stimulating Hormone) TSH थाइरोइड-उत्तेजक हार्मोन T3 और T4,
  3. TSH, पिट्युटरी ग्लैंड (Pituitary Gland) ( द्वारा स्रावित होता है, और थाइरोइड ग्लैंड को थाइरोइड हार्मोन वनाने के लिए उत्तेजित करता है|
  • T3 और T4 थाइरोइड ग्लैंड द्वारा बनाये गए मुख्य हार्मोन है |

 थाइरोइड टेस्ट कब करानी चाहिए? (When should a Thyroid Test be done? in Hindi)

किसी को भी थाइरोइड टेस्ट तभी कराना चाहिए जब उसे थाइरोइड होने वाला लक्षण महसूस हो रहे हैं तो, जैसे अचानक वजन बढ़ना या घटना, थकान, बालों का झड़ना, ठंड लगना या कब्ज थाइरोइड टेस्ट गर्भाबस्था, प्रसब के बाद या किसी अन्य हार्मोनल परिबर्तन के दौरान भी किया जा सकता है | इसके अलावा 60 बर्ष से अधिक उम्र के महिलाओं और 50 बर्ष से अधिक उम्र में पुरुषों को हर 5 साल में थाइरोइड टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है|

कोनसा थाइरोइड खतरनाक है? (Which Thyroid is dangerous? in Hindi)

वेसे तो थाइरोइड का सभी प्रकार रोगी के लिए खतरनाक होता है, लेकिन हाइपरथायरायडीस्म की स्थिति थोड़ी अधिक खतरनाक होती है| क्योंकि इसमें हृदय की समश्यायें स्ट्रोक, और हड्डी का द्रव्यमान कम हो सकती है|

क्या सर्जरी से थाइरोइड ठीक हो सकता है?(Can thyroid be cured by surgery?  In Hindi)

थाइरोइड की कुछ स्थितियों को थाइरोइड के कुछ हिस्से या पूरी थाइरोइड ग्लैंड को हटाने के लिए सर्जरी से ठीक किया जा सकता है, इसके अलावा आपका डॉक्टर आपको थाइरोइड सर्जन के पास भेज सकते हैं, ताकि आप किसी और उपचार के बारे में बिश्तार से बात कर सकें| कुछ रोगियों को सर्जरी के बाद थाइरोइड हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी की आवश्यकता हो सकती है, और कुछ रोगियों को अस्थायी रूप से आवाज में बदलाव या कैल्शियम की कमी का अनुभव हो सकता है| लेकिन ये आमतौर पर समय के साथ ठीक हो जाते हैं|

थाइरोइड की सर्जरी में कितना खर्चा आता है? (How much does thyroid Surgery Cost? In Hindi)

हम ये तो नहीं बता सकते हैं की थाइरोइड सर्जरी में कितना खर्चा आता है, क्यूंकि ये अस्पताल, रोगी का स्थिति और सर्जरी का प्रकार पर अलग अलग हो सकता है|  इसीलिए आप किसी पेशेवर डॉक्टर्स से मिलें उनसे सलाह लें और अपना कदम आगे बढ़ाएं | 

थाइरोइड मरीजों को क्या क्या खाना चाहिए और क्या क्या नहीं खाना चाहिए? (Thyroid patient Diet Plan? in Hindi)

थाइरोइड के मरीजों को संतुलित और पोष्टिक आहार का सेबन करना चाहिए|  जैसे की:-

 क्या क्या खाना चाहिए:

  • फल और सब्जियां- परबल, लौकी, तोरई, करेला, प्याज, कद्दू, आलू, मिर्च, मशरूम, मौसमी सब्जिया, केला, एवोकाडो, अनानास, नारियल, आम, अनार, नारंगी, शकरकंद, जामुन, फालसा |
  • अन्य: गाये का दूध, दही, नारियल पानी, अजवाइन, ग्रीन टी, ब्राउन राइस, सूरजमुखी के बिज, कलि मिर्च, बादाम, मूंगफली |

क्या क्या ना खाएं:

  • अनाज: नया चावल, मैदा |
  • दालें: कुलथ, उड़द, राजमा, छोले |
  • फल और सब्जिया में से: बेंग्गन, निम्बू, पत्तेदार सब्जिया, टमाटर, खट्टे अंगूर, कटहल, अरबी, गाजर, सोयाबीन |
  • अन्य: मछली, पनीर, तीखा भोजन, तेलिय मासालेदार भोजन, कोल्ड ड्रिंक्स, फास्टफूड, जंकफ़ूड, बंद डिब्बे का खाद्य पदार्थ |
  • सख्त मना: तेलिय मसालेदार भोजन, आचार, अधिक तेल, कोल्ड ड्रिंक्स, मैदे वाले पदार्थ, शराब, फास्टफूड, सॉफ्टड्रिंक्स, जंकफ़ूड, नॉनवेज सुप, ब्रोकोली, पत्तागोभी, फूलगोभी, भिंडी |  

 थाइरोइड के लिए घरेलु इलाज? (Home Remedies for thyroid? in Hindi)

थाइरोइड क्यों होता है? थाइरोइड के लिए घरेलु इलाज?
Home Remedies for thyroid? in Hindi
  •  लौकी: थाइरोइड की बीमारी से निजात पाने के लिए रोज सुबह खाली पेट लौकी का जूस पीना बहुत जरुरी है, इस बीमारी से राहत मिलती है और बीमारी सांत होती है|
  • हरा धनिया: अगर आप रोजाना एक गिलास पानी में घोल कर इसे पि रहे हैं तो इस थाइरोइड बीमारी को ठीक किया जा सकता है| याद रखें की धनिया बारीक़ पिशा हुआ होना चाहिए, इससे थाइरोइड धीरे धीरे कंट्रोल होने लगता है |
  • आयोडीन: थाइरोइड से ग्रस्त मरीजों को आयोडीन युक्त पदार्थो का ज्यादा सेवन करना चाहिए, इसका सबसे अच्छा स्रोत प्याज, लहसुन, और टमाटर जैसी चीजे हैं |
  • नारियल पानी: ये भी थाइरोइड मरीजों के लिए बहुत ही सहायक होता है, अगर आप प्रतिदिन नहीं ले सकते हैं तो हर दुसरे दिन इसका सेवन कर सकतें हैं, क्यूंकि ये भी थाइरोइड को कंट्रोल करने का एक बहुत अच्छा स्रोत होता है |
  • हल्दी: रात को सोने से पहले एक गिलास हल्दी वाला दूध पीना थाइरोइड मरीजों के लिए बहुत अच्छा साबित होता है, क्योंकि इसमें करक्यूमिन (Curcumin) नामक तत्यो पाए जाते हैं, जो थाइरोइड को कंट्रोल करने में बहुत मददगार साबित होते हैं |
  • तुलसी: दो चम्मच तुलसी के रस और आधा चम्मच एलोवेरा जूस मिला कर सेवन करने से थाइरोइड ख़तम होने के बहुत ज्यादा चांस होता है |

 निष्कर्स:

दोस्तों हम उम्मीद करते हैं की आप ये ब्लॉग को पढके जितना जानकारी हम दिए हैं उतना जानकारी आप बहुत अछे से समझ गएँ होंगे, इसमें वह सारा बताने की कोशिस किये हैं, जैसे की:-

  1. थाइरोइड क्यों होता है?
  2. थाइरोइड का इलाज क्या है?
  3. थाइरोइड बीमारी क्या है?
  4. थाइरोइड से जुडी कुछ समश्यायें?
  5. महिलायों में थाइरोइड क्यों होता है?
  6. थाइरोइड कितने प्रकार का होता है?
  7. क्या महिलाओं में थाइरोइड होना कैंसर का भी लक्षण है?
  8. क्या सर्जरी से थाइरोइड ठीक हो सकती है?
  9. थाइरोइड की सर्जरी में कितना खर्चा आता है?
  10. थाइरोइड मरीजों को क्या क्या खाना चाहिए और क्या क्या नहीं खाना चाहिए?
  11. थाइरोइड के लिए घरेलु इलाज?

इन सारे महत्योपूर्ण प्रश्नों के बारे में बात किया गया है |

हमारा मकसद सिर्फ और सिर्फ आप लोगों तक जानकारी पहुँचाना है, इस ब्लॉग के माध्यम से आप लोग थोडा सा जानकारी ले सकते हैं, और अपने स्वस्थ्य से जुड़े कोई भी ज्यादा जानकारी पाने के लिए आप किसी पेशेवर डॉक्टर्स से बात कर सकते हैं, और जानकरी लें सकते हैं, जो भी करें डॉक्टर्स के परामर्श ले के करें |

धन्यवाद…

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