क्षय रोग (Tuberculosis) जिसे टीबी भी कहा जाता है, माईकोबेक्टिरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जिबाणु के कारन होने लगता है| और यह मानब फेफड़ो को बहुत जल्दी प्रवाबित करता है| लेकिन टीबी के बेक्टेरिया सरीर के किसी भी भाग जैसे किडनी, मस्तिस्क, और रीड को प्रवावित कर सकता है| लेकिन टीबी बेक्टेरिया से संक्रमित हर ब्यक्ति बीमार नहीं होता है| तो आज हम इसी ब्लॉग में ये जानने के कोशिस करेंगे की टीबी क्यों होता है? टीबी का लक्षण क्या है, और उपचार क्या है?

अगर ब्यक्ति टीबी बीमार से संक्रमित हो गया है, और वह सहीं इलाज नहीं करा पा रहा है या सठिक इलाज उसे नहीं मिल रहा है तो टीबी बीमार के चलते उस ब्यक्ति का मृत्यु भी हो सकता है| तो आज हम टीबी बीमार के बारे में इसी ब्लॉग में जानेंगे की
टीबी क्यों होता है?
टीबी का लक्षण क्या है, और उपचार क्या है?
कैसे टीबी का इलाज किया जाता है?
टीबी सरीर के किन किन अंगो में हो सकता है?
टीबी से बचाव के उपाय क्या है?
टीबी के मरीज को कैसे पहचाने?
टीबी कितने प्रकार की होती है?
टीबी कैसे फेलती है?
क्या टीबी जानलेवा बीमारी है? यह सारे सबाल का जबाब जानने की कोशिस करेंगे |
टीबी क्या होता है?
ट्यूबरक्लोसिस जिसे टीबी भी कहा जाता है, टीबी एक संक्रामक रोग है, जो एक इंसान से दुसरे इंसान तक साँस के द्वारा फेलता है| इसी बीमार के कारन बहुत सारे लक्षण उत्तपन होते हैं| जैसे की हमने आपको पहले ही यह बताया था की यह रोग माईकोबेक्टिरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जिबाणु के कारन फेलता है, टीबी का फेलने का सबसे बड़ा मुख्य कारन हवा, खांसी, छींक, या फिर लार के द्वारा टीबी बीमार या इन्फेक्शन एक ब्यक्ति से दुसरे ब्यक्ति तक फ़ैल सकता है|
टीबी बीमार का सबसे बड़ा काम होता है हमारा फेफड़ों को नुकसान पहुँचाना| यह रोग सबसे ज्यादा सरीर के उन भागों में प्रभावित होता है, जंहा खून और ऑक्सीजन की मात्रा बहुत होती है| यही कारन है, की टीबी का अधिक तर मामलें फेफड़ों में संक्रमण वाले होते हैं| फेफड़ों में टीबी को पल्मोनरी टीबी भी कहा जाता है|
टीबी के प्रकार – टीबी क्यों होता है? टीबी का लक्षण क्या है, और उपचार क्या है?

टीबी के बहुत सारे प्रकार है, जो की आप इसी ब्लॉग में माध्यम से जान सकते है की टीबी क्यों होता है? टीबी का लक्षण क्या है, और उपचार क्या है? जैसे की:-
लेटेंट टीबी : इस प्रकार के टीबी में बेक्टेरिया शारीर में आलसी रूप में रहता है, क्युकी हमारे बॉडी को मजबूत रोग प्रतिरोधक कैपेसिटी इसे सक्रिय नहीं होने देती है| इसी स्थिति में टीबी के कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं| लेकिन फ्यूचर में यह एक्टिव हो सकता है| जो की बहुत सारे समश्या का कारन बन सकता है|
एक्टिव टीबी : इस लेवल के टीबी में बेक्टेरिया का निर्माण बॉडी के अन्दर ही होता है, और इसे टीबी रोग के बहुत सारे लक्षण दिखाई देते है| और यह फेलाने वाला रोगों का एक प्रकार है|
पल्मोनरी टीबी : इसी लेवल का टीबी रोग को सुरुयाती रोग का रूप माना जा सकता है| जो की सीधा फेफड़ो को एफेक्ट करता हा, जिससे की लम्बे समय तक खांसी की समश्या होने की संभाबना है|
एक्स्ट्रा पोल्मोनरी टीबी : इस लेवल में टीबी का रोग फेफड़ो से जा करके शारीर के अन्य भाग में भी फ़ैल जाने का बहुत ज्यादा संभाबना हो जाता है| फेफड़ो के साथ साथ ये समश्या किडनी, लिम्प्फ़ नोड्स, और हड्डी में भी फ़ैल सकता है|
टीबी के लक्षण क्या है?
टीबी रोग का लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं, की बॉडी में टीबी का बेक्टेरिया कंहा कंहा बढ़ रहे हैं, नॉर्मली टीबी रोग के जो लक्षण होते हैं वह अलग होते हैं| लेकिन हड्डी के टीबी के लक्षण और गले की टीबी के लक्षण से बहुत अलग होते हैं| आम तौर पर टीबी के जो लक्षण होते हैं, वह फेफड़ो में बेक्टेरिया ज्यादा मात्रा में बढ़ने लगते हैं|

टीबी के मरीजों को सामान्यतः यह कुछ लक्ष्ण दिखाई दे सकते हैं? टीबी क्यों होता है?
- खांसी की समश्या जो की 3 सप्ताह या उससे ज्यादा दिन तक भी लगातार रहे |
- सिने में दर्द होना |
- कफ में खून आना |
- कमजोरी या थकान |
- वजन धीरे धीरे घटना
- भूक न लगना
- ठंड लगना
- बुखार
- रात में बहुत पसीना आना
एसे बहुत सारे लोग ये सोचते हैं की महिलायों में और पुरुषों में टीबी कि लक्षण अलग अलग दिखाई देते है, लेकिन ऐसा कुछ भी नही है, अगर आप उपरोक्त लिखित मे से किसी भी लक्षणों का सामना कर रहे हैं तो आप जल्द से जल्द डॉक्टर्स से मिलके परामर्स लें और टीबी जैसी घातक बीमारी को समय से पहले हराएँ |
टीबी क्यों होता है?
टीबी बेक्टेरिया के कारन होता है, सर्दी या फ्लु की तरह हवा के माध्यम से फेलता है| आप जब किसी टीबी मरीज के संपर्क में आते हैं तब आपको टीबी होने का सबसे ज्यादा खतरा बढ़ जाता है| यदि आप कुच्छ उसी प्रकार के ब्यक्ति के संपर्क में बार बार आते हैं, और वह इंसान अपने मुह में हाथ रखे बिना छींक मारदी तो उसी के छींक से निकल ने वाले बेक्टेरिया आपको सरीर में प्रबेश करते हैं और आपको भी टीबी होने का खतरा बढ़ जाता है|
टीबी सरीर के किन किन अंगो में हो सकता है? टीबी क्यों होता है? टीबी का लक्षण क्या है, और उपचार क्या है?
टीबी एक एसी बीमारी है जो की सरीर के किसी भी अंगो को प्रभवित कर सकता है लेकिन यह आम तौर पर फेफड़ों को ज्यादा प्रभावित करता है|
टीबी से प्रभावित होने वाले कुछ मुख्य अंग:
- फेफड़े: (Pulmonary Tuberculosis) टीबी का सबसे आम रूप पल्मोनरी टीबी है, जो की फेफड़ों को प्रभावित करता है,

- किडनी: (Kidney Tuberculosis) किडनी में टीबी होने से पेशाब में खून आ सकता है, पेट में तेज दर्द हो सकता है, भूक बहुत मात्रा में कम लग सकता है और पीलिया हो सकता है|
- रीढ़: ( Spinal Tuberculosis) रीढ़ की हड्डी में टीबी से पीठ म दर्द, कठोरता और तंत्रिका क्षति हो सकती है|
- मस्तिष्क: (Meningitis Tuberculosis) टीबी मैनीजाईटिस मस्तिष्क और रीढ़ के हड्डी के चारो और मेम्ब्रेन को प्रभावित करता है, जिससे सिरदर्द, बुखार, और गर्दन में अकडन हो सकती है|

- पेट: टीबी पेट (Abdominal Tuberculosis) के अंगो में जेसे की यकृत, प्लीहा और आंतों को एफेक्ट कर सकता है|

- लिम्फ नोड्स: टीबी लिम्फ नोड्स को एफेक्ट कर सकता है जिससे सुजन और कोमलता हो सकती है|
- हड्डियां और जोड़: टीबी बीमार हड्डी और जोड़ो को एफेक्ट कर सकता है जिससे दर्द सुजन और चंचलता में कमी आ सकती है |
- त्वचा: टीबी स्किन को भी एफेक्ट कर सकता है, जिससे घाव या अल्सर हो सकते हैं|
- रक्त: टीबी ब्लड फ्लो में फ़ैल सकता है, और रक्त के जरिये सरीर के हर अंग में प्रबाह कर सकता हैं|
टीबी बीमार का उपचार?टीबी क्यों होता है?
टीबी एक एसा बीमार है या रोग है जो की डॉक्टर्स से मिले बिना उसका उपचार नहीं किया जा सकता है, और टीबी का इलाज टीबी का प्रकार पर निर्भर करता है| यदि आपको लेटेन्ट टीबी है, तो भी आप को डॉक्टर्स से मिलने की अबश्यकता है, इसी टीबी में डॉक्टर्स जीवाणुयों को मारने के लिए कुछ दबा दे सकते है| जिससे की इन्फेक्शन एक्टिव न हो|
आपको अकेले या संयुक्त रूप से डॉक्टर्स कुछ दबाई दे सकते हैं जो की आपको उसका कोर्स पूरा करना बहुत जरुरी है, अगर आप एक्टिव टीबी के किसी भी लक्षण को महसूस करते हैं तो, जल्द से जल्द अपने Pulmonology Doctors से संपर्क करें और इलाज लें|
इसके अलावा डॉक्टर्स कुछ दबाओं का कॉम्बिनेशन का भी सुझाव दे सकते हैं| आम तौर पर डॉक्टर्स एथमब्युटोल, आइसोनियाजीड, पाईरेजीनेमाइड और रेफिम्पिन नाम के दबा के कॉम्बिनेशन का उपयोग करते हैं| इस दबा का कोर्स 6 से 12 महीने तक चलता है| वही पल्मोनरी और एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी के मामले में दबा का कोर्स थोडा और लंबा हो जाता है|
अगर आपको किसी भि तरह का इन्फेक्शन है या किसी भी तरह का दबाई चल रही है, तो इस के बारे में आपको पल्मोनोलोजी डॉक्टर्स को जरुर बताएं, इसके साथ साथ दबाओं का कोर्स को बिलकुल भी न रोकें, अगर आप दबाएँ छोड़ देते हैं, तो बेक्टेरिया फिर से एक्टिव हो जायेगा, और आपकी कंडीशन और भी ख़राब होने की संभाबना हो जाएगी |
टीबी से बचाव के उपाय?
टीबी के इलाज के साथ साथ बचाव भी उतना ही महत्योपूर्ण है| टीबी बीमार का रोकथाम के लिए निम्नलिखित कुछ उपाय किया जा सकता है-
- यदि आपको लेटेंट टीबी है,तो अपनी सभी मेडिसिन समय समय पर लें, ताकि येही इन्फेक्शन बार बार एक्टिव न हो, और आप जल्दी से स्वस्थ हो जाएँ|
- एक्टिव टीबी के संबंध में रोगी को खुद से ही दुसरो लोगो से दुरी बना के रहना चाहिए| हसते, खांसते और छींकते समय अपना मुह ढक लें| अगर आप किसी से मिलते भी है तो, आप मास्क का उपयोग कर सकते हैं|
- अगर आप किसी एसी जगह यात्रा कर रहे हैं, जहाँ की टीबी बीमार होना एक बहुत आम बात है, तो आपको सबसे ज्यादा उस जगह पर सतर्क रहना चाहिए| या प्रयास करें की भीड़ भाड़ वाली जगह पर दुरी बनाये रखें |
- अपने खानपान का बहुत ज्यादा ध्यान रखें जैसे:- खिचड़ी, दूध, पनीर, ताजे फल और सब्जियां साबुत अनाज और ग्रीन-टी के सेबन को थोडा ज्यादा मात्रा में रखें|
- टीबी के स्थिति में सबसे जरुरी ये है की डॉक्टर्स की बात मानना और अपना जो दबाई का कोर्स है, उसे पूरा करना|
क्या टीबी का परमानेंट इलाज संभव है?
अगर उचित समय में टीबी के मरीज को सहीं और उचित चिक्कित्सा मिला तो टीबी को ठीक किया जा सकता है| सहीं इलाज से टीबी को लगभग हमेशा के लिए ठीक किया जा सकता है, आम तौर पर एंटीबायोटिक का एक कोर्स 6 महीने तक चलता है| कई अलग अलग एंटीबायोटिक दबाओं का उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि अलग अलग प्रकार के टीबी कुछ एंटीबायोटिक दबाओं के लिए प्रतिरोधी होती है|
टीबी का इलाज कितने दिन तक चलता है?
टीबी रोग वाले अधिकांश लोगों को ठीक होने के लिए कम से कम 6 महीने का समय लगता है| लेकिन इस दौरान भी दबा का सेबन का रोकने की सलाह बिलकुल भी नही दी जाती | और डायबिटीज जिनको है वह अगर अपने सुगर (Diabetes) में कंट्रोल नहीं कर पाए तो उन्हें भी टीबी होने के बहुत ज्यादा खतरा बढ़ जाता है|
फेफड़ों की टीबी का इलाज कितने दिन चलता है?
कम से कम 6 महीने की नियमित इलाज जरुरी है| अगर आप का फेफड़ो में टीबी का बीमार बहुत ही जटिल है, तो ठीक होने के लिए कम से कम 9 महीने का समय लग सकता है | अगर आप नियमित इलाज ले रहें हैं और सठिक मेडिसिन का उपयोग कर रहें तो फेफड़ों का इलाज हमेशा के लिए संभव है|
टीबी के मरीज के पहचान कैसे करें?
3 हफ्ते से अधिक खांसी होना, बुखार रात को बहुत पशीना आना, वजन कम हो जाना, ये कुछ लक्षण है जो की टीबी के मरीजों की पहचान कर सकता है| स्किन या ब्लड टेस्ट से स्थिति की पृष्टि किया जा सकता है |
टीबी की दबा कितने दिन में असर करती है?
इससे पहले की आप अन्य लोगों में टीबी के कीटाणु न फेला सके, आपको कम से कम 2 से 3 सप्ताह तक टीबी की दबा लेना अनिर्बार्य है, यंहा तक की आप बेहतर महसूस करते हैं, तो भी दबाई को छोड़ना नहीं है, जब तक सहीं तरीके से ठीक न हो जाएँ तब तक आपको दबाओं का सेबन नहीं छोड़ना चाहिए| आपको कम से कम 6 महीनें तक टीबी के कई तरह के गोलि खानी होगी|
जिन महिलायों को टीबी बीमार है क्या वह गर्वबती हो सकती हैं?
अगर किसी महिला को टीबी बीमार है, तो वह गर्वधारण कर सकती है, लेकिन आप अगर गर्वधारण का योजना बना रहे हैं, तो सबसे पहले आपको डॉक्टर्स का सलाह लेनी चाहिए| क्योंकि जेनिटल टीबी महिला की प्रजनन क्षमता को एफेक्ट करके महिला का गर्वाब्स्था को मुश्किल बना सकता है|
अगर गर्वावस्था के दौरान टीबी हो जाये तो माँ और बच्चे दोनों के लिए मुस्किल का सामना करना पड़ सकता है| इसीलिए सबसे अच्छा उपाय यह है, आपके लिए की डॉक्टर्स से मिले और वह जो भी सलाह या उपचार बताएंगे | उसे अछे से नियमित रूप से पालन करें| टीबी के दौरान इस्तेमाल किये जाने वाले कुछ दबाएं गर्वावस्था के दौरान सुरक्षित नही हो सकती है|
टीबी बीमार में किस चीज का बिशेस ध्यान रखना चाहिए?
टीबी के मरीजों को निम्न लिखित कुछ चीजें हैं जो बिशेस ध्यान रखना चाहिए जैसे की :-
डॉक्टर्स जो दबाईयां दे रहे हैं, उसका नियमित रूप से सेबन करना चाहिये | और दिए हुए दबाईयों का पूरा कोर्स करना चाहिए| उसके अलावा संतुलित आहार लें अपने खान पान में कुछ विटामिन्स, प्रोटीन का सामिल करें, और अगर कुछ नसीली पदार्थ का उपयोग कर रहे है, तो जल्द से जल्द उसे छोड़ने की कोशिस करें| खांसते या छींकते समय अपना एक पर्सनल हाइजिन का ध्यान रखें, एक बिशेस बात यह भी है, की भले ही आप बेहतर महसूस कर रहे हैं फिर भी दबाई का सेबन बिच में न छोड़ें लगातार दबाई लें और अपना कोर्स को पूरा करें|
सरीर को ठीक करने के लिए पर्याप्त आराम की आबश्यकता होती है, पर्याप्त नींद लें और शारीरिक गतिबिधि को सिमित करें, और साफ़ सफाई का भी बहुत ज्यादा ध्यान रखना चाहिए, टीबी मरीजों को थूकने के लिए भी एक अलग कंटेनर का यूज़ करना चाहिए| क्योंकि उनका थूक से भी टीबी फेलने का बहुत ज्यादा संभावना होती है| यह ख़ास करके टीबी की मरीजों के लिए|
अगर कुछ भी अपने स्वस्थ्य में बदलाव लगता है तो अपने नजदीकी डॉक्टर्स से मिलना और उनका सलाह लेना बहुत जरुरी है|
योग और ब्यायाम: टीबी के मरीज योगा और ब्यायाम कर सकते हैं, लेकिन डॉक्टर्स से परामर्श लेने के बाद ही|
टीबी के मरीजों के लिए एक बिशेस बात: टीबी के मरीजों को मानशिक तनाव बिलकुल भी नहीं लेनी चाहिए | हमेशा पोजिटिव रहें और परिवार और दोस्तों के साथ समय ज्यादा से ज्यादा बिताएं |
टीबी के रोग में क्या क्या नहीं खाना चाहिए?
जिस प्रकार टीबी के मरीजों के लिए कुछ खाद्य पदार्थ बहुत ही जरुरी है, उसी प्रकार एसे भी कुछ खाद्य पदार्थ है जो की टीबी मरीजों को बिलकुल भी नहीं लेना चाहिये|
- तम्बाखू का सेबन से बचें,
- शराब के सेवन से बचें, क्यूंकि ये दबाओं के साथ प्रतिक्रिया करके टीबी के उपचार में बाधा डाल सकता है|
- काफी और केफीन पदार्थों का सेबन बहुत मात्रा में कम करें, तथा पानी और नारियल पानी का सेबन अधिक मात्रा में बढ़ा सकते हैं|
- तले हुए भोजन, जंक फ़ूड, रिफाइंड पदार्थ जैसे की चीनी, आटा, मैदा, आदि का सेबन से बचें|
- लाल मांस या येसे खाद्य पदार्थों का सेवन सिमित करें जो की आसानी से पच न सकें, क्योंकिं इनसे टीबी के लक्षण जैसे की दस्त और पेट की एंठन, को बढ़ा सकते हैं |
निष्कर्स:
दोस्तों हम उम्मीद करते हैं की आप ये ब्लॉग को पढके जितना जानकारी हम दिए हैं उतना जानकारी आप बहुत अछे से समझ गएँ होंगे, इसमें वह सारा बताने की कोशिस किये हैं, जैसे की:- टीबी क्यों होता है? टीबी का लक्षण क्या है, और उपचार क्या है? टीबी सरीर के किन किन अंगो में हो सकता है?
टीबी से बचाव के उपाय क्या है?
टीबी के मरीज को कैसे पहचाने?
टीबी कितने प्रकार की होती है?
टीबी कैसे फेलती है?
हमारा मकसद सिर्फ और सिर्फ आप लोगों तक जानकारी पहुँचाना है, इस ब्लॉग के माध्यम से आप लोग थोडा सा जानकारी ले सकते हैं, और अपने स्वस्थ्य से जुड़े कोई भी ज्यादा जानकारी पाने के लिए आप किसी पेशेवर डॉक्टर्स से बात करें, और जानकरी लें, जो भी करें डॉक्टर्स के परामर्श ले के करें |
धन्यवाद…