किडनी स्टोन क्यों होता है, जाने इसका लक्षण और इलाज?

रास्ट्रीय स्वस्थ्य संसथान की रिपोर्ट के अनुसार भारत में किडनी स्टोन एक आम स्वस्थ्य समश्या है और अनुमानिक आकडे से पाया गया है कि हर साल लगभग 12% भारत के जनसंख्या को किडनी स्टोन की समश्या होती है| इसके अलावा 40% से 50% लोगो में दुवारा किडनी स्टोन का सम्बंधित समश्या पाया गया है| क्या आपको अचानक से पेट में जोर से दर्द होने लगता है, या पीठ में अचानक दर्द होने लगता है, क्या आप जानते है इस प्रकार समश्या को पथरी या किडनी स्टोन कहा जाता है| ये एक येसी समाश्या है, जो की किडनी में छोटे छोटे, कठोर खनिज और नमक के क्रिस्टल जमा होने से होती है| यह एक एसी समश्या या बीमारी है जो की किसी ब्यक्ति को भी हो सकती है| और इसका सहीं इलाज नहीं कराये तो बहुत दर्दनाक हो सकती है| चलिए आज हम इसी ब्लॉग पे ये जानेगें की किडनी स्टोन क्यों होता है, जाने इसका लक्षण और इलाज? और किडनी स्टोन के जो मरीज होते है उन्हें कोनसी कोनसी चीजे खाने चहिये, और कोनसी कोनसी चीजे नहीं खाने चाहिए|

 किडनी के अन्दर का पथरी और मूत्र नली के नाम  स्टोन क्यों होता है,

किडनी स्टोन क्यों होता है?

 किडनी स्टोन (पथरी) एक येसी बीमारी है जो की किडनी के अन्दर छोटे छोटे कठोर खनिज और नमक के क्रिस्टल्स जमा होने लग जाते है| ये क्रिस्टल कई आकार के हो सकते है, जो रेत के दानो जेसे जन्म लेके कई बड़े हो सकते है| किडनी स्टोन तब बनता है जब मूत्र में खनिज और एसिड की मात्रा अनबेलेंस हो जाती है| जिससे ये पदार्थ छोटे छोटे क्रिस्टल्स के रूप में किडनी में जमा होने लग जाता है|

किडनी स्टोन की समश्या अक्सर बिना किसी कारन के बनी रहती है, जब तक ये मूत्र बहिनी में जाके अटक न जाये| अटकने पर ये बहुत दर्द,और मूत्र में खून, उलटी, और पेशाब में जलन जेसे लक्षण उत्पन्न कर सकती है| किडनी स्टोन आम तौर पर पानी की कमी, नमक और अधिक मात्र में प्रोटीन का सेवन, अनुवांशिक प्रवुती (Genetic Predisposition) और कुछ चिकित्सा स्थितियां होती है|

किडनी स्टोन की इलाज (Kidney Stone Treatment)किडनी स्टोन क्यों होता है, जाने इसका लक्षण और इलाज? उनके आकार प्रकार और लक्षणों की गंभीरता पर निर्भरता करता है| जो छोटे साइज के पथरिया होती है वोह अक्सर पेशाब के जरिये बहार निकल जाता है, जब की बड़ी साइज़ की पथरियां के लिए बहुत से एसे ट्रीटमेंट हैं जो की डॉक्टर्स के द्वारा कराया जा सकता है जेसे की:- शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (Shock Wave Lithotripsy) उरोस्कोपी या सर्जरी (Uroscopy or Surgery) के जरिये हटाया जाता है| इसके अलावा पर्याप्त मात्र में पानी पीना और संतुलित आहार लेना पथरी से बचने का सबसे अच्छा उपाय है|

किडनी स्टोन होने के क्या कारन हो सकता है? किडनी स्टोन क्यों होता है, जाने इसका लक्षण और इलाज?Reasons for Kidney Stones in Hindi

किडनी स्टोन के कई कारन हो सकते है| मुख्य कारणों में सामिल है:-

  • आहार (Diet): ज्यादा प्रोटीन, ज्यादा नमक, और ज्यादा चिनि का सेबन करना पथरी का मुख्य कारन हो सकता है|
  • पानी कम पीना (Less Drink Water): जव अपना सरीर में पानी की कमी होती है या हम कम पानी पिने लगजाते हैं तव मूत्र में खनिज और नमक की सांद्रता (Salt Concentration) बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, जिसके कारन हमारे किडनी में पथरी बनना सुरु हो जाता है या पथरी की संभावना बढ़ जाता है|
  • आहार में उच्च खनिज:(High Minerals Diet): कुच्छ खाद्य पदार्थ में उच्च मात्र में कैल्शियम, अक्स्लेट, और यूरिक एसिड होते है, जो पथरी बनने के लिए सहायक होते हैं|
  • मोटापा (Obesity): मोटापा भी किडनी स्टोन का एक बहुत बड़ा जोखिम हो सकत है, मोटापा सरीर में कुछ एसा बदलाव लाता है जो की किडनी स्टोन बनने का संभावना को बढ़ा सकता है| मोटापा अकसर इन्सुलिन रेजिस्टेंस के साथ जुड़ा होता है,और ये यूरिक एसिड लेवल को बढाता है|
  • बीमारी और उसका चिकित्सा(Diseases and Their Treatment): कुछ दबाएँ जेसे की मूत्रवर्धक (Diuretics) और कुछ दर्द निवारक मेडिसिन या दबाईयां अगर पहले से चल रहा है तो ये भी किडनी स्टोन की खतरा को बढ़ा सकता है|
आचानक से कमर में और पेट में दर्द होना

किडनी स्टोन की क्या लक्षण हो सकते है?(Symptoms of Kidney Stones)

एसे तो बहुत से लक्षण है जिससे किडनी स्टोन का पता चल सकता है, जो पथरी के आकार, स्थिती और मूत्रमार्ग और उसके स्थिती पर निर्वर करते हैं| निम्न लिखीय कुछ लक्षण से जान सकते है की किडनी स्टोन क्यों होता है, जाने इसका लक्षण और इलाज? और आपको पथरी है या नहीं:-

  1. सख्त दर्द (Acute Pain): पीठ के निचले हिस्से, कमर के किनारे अचानक दर्द होना, पेट के निचे अचानक दर्द होना
  2.  मूत्र में रक्त (Blood in Urine): मूत्र का रंग लाल, गुलाबी, या भूरे रंग का होना| जो मूत्रमार्ग में खून से आना किडनी स्टोन का सम्वाभिक साफ़ लक्षण है|
  3. मूत्र करते समय परिशानी(Trouble while Urinating): मूत्र करते समय जलन या दर्द होना, मूत्र का धरा रुक रुक कर आना |
  4. मूत्र त्याग की आब्रुती (Frequency of Urination): सामान्य से अधिक बार मूत्र त्याग करने की इच्छा होना
  5. मूत्र में दुर्गन्ध (Foul Smell in Urine): मूत्र त्याग ते समय दुर्गन्ध होना या उसमे गंदगी का होना|
  6. मतली और उलटी (Nausea and Vomiting): किडनी स्टोन होने पर मतली  और उलटी होना एक सामान्य लक्षण है,
  7. बुखार होना और ठंड लगना (Fever and Chills): किडनी स्टोन होने पर बुखार और ठंड  जेसे लक्षण दिख सकते है, लेकिन ये लक्षण हमेसा नहीं होते है,यदि किडनी स्टोन के साथ संक्रमण भी हो गया है तो बुखार(Fever) और ठंड होना संभव है,
  8. मूत्र मार्ग में अवरोध (Urinary Track Obstruction): पथरी मूत्र मार्ग से फस कर मूत्र त्याग ते समय समश्या कर सकता है, जिससे किडनी में सुजन और इन्फेक्शन हो सकता है|
  9. किडनी की कार्यक्षमता में कमी (Decreased Kidney Function) : लम्बे समय तक पथरी के रहने से किडनी की कार्यक्षमता प्रबाहित हो सकती है और किडनी फ़ैल होने के खतरा बढ़ सकता है|

यदि आपको इन लक्षणों में से कोई एक भी अनुभव हो रहा है, तो तुरंत अपने नजदीकी मूत्ररोग विशेषग्य (Urologist) से परमर्स लें, सहीं समय का इलाज और सहीं निदान करने से कोई भी गंभीर समश्या से बचा जा सकता है|

किडनी स्टोन कितने प्रकार की होती है?(Types of Kidney Stones): एसे तो बहुत से प्रकार के किडनी स्टोन होते है, जो उनके रासायनिक संरंचना और उत्पति के आधार पर बिभाजित किया जाता है|

  • कैल्शियम ऑक्सालेट पथरी(Calcium Oxalate Kidney Stones)

किडनी में बनने वाला सबसे आम प्रकार का पथरी है, ये पथरी तब बनती है जब मूत्र में कैल्शियम और ऑक्सालेट की मात्रा ज्यादा होती है| और उच्च ऑक्सालेट वाला खानापान का सेवन करना,विटामिन-सी की अधिक मात्रा और कुछ चिक्कित्सा स्थितियां कैल्शियम ऑक्सालेट पथरी  को गठन कर सकती है|

ये पथरी कैल्शियम और फॉस्फेट के समिश्रण से बनती है| कैल्शियम फॉस्फेट पथरी हाइपरपैराथायिरायडिसम (Hyperparathyroidism) और मूत्र मार्ग में इन्फेक्शन जैसी स्थितिओं से सम्बंधित हो सकती है|

जब मूत्र में यूरिक एसिड की मात्रा ज्यादा हो जता है तब ये पथरी बनती है| ये पथरी ज्यादा तर पुरुषों में पाया गया है| और उच्च प्रकार का आहार और कुछ जेनेटिक कारक इस पथरी का कारन बन सकते हैं|

ये पथरी अधिकतर महिलायों में पाई जाती है| जब मूत्र मार्ग में इन्फेक्शन होता है,तब ये पथरी बनती है| सत्रुबाईट पथरी तेजी से बढ़ता है और किडनी को नुकसान पहुंचाता है| ये पथरी उन बेक्टेरिया से होती  है, जो ख़ास कर अमोनिया उत्पाद करते हैं|

यह एक दुर्लभ प्रकार के पथरी होती है, जो सिस्टीन नामक रसायन से बनी होती है, यह एक दुर्लभ अनुबंशिक विकार, सिस्टीनूरिया (Cystinuria) के कारन होता है, जिसमे बॉडी सिस्टीन को ठीक से अव्शोसित नहीं कर पाता है और किडनी में पथरी बनना सुरु हो जाता है, और मुत्रा मार्ग में फसने के कारन दर्द और अन्य लक्षण पैदा कर सकते है|

किडनी स्टोन से बचने के लिए, पथरी किस प्रकार कि है, उसका सहीं उपचार जानना बहुत जरुरी है| इसके लिए यूरिन टेस्ट और ब्लड टेस्ट और पथरी के एनालिसिस की अबश्यकत हो सकता है| अगर आपको किडनी में पथरी का समाश्या है तो अपने नजदीकी मूत्र रोग बिसेशाग्य से जल्द से जल्द संपर्क करने चाहिए और उचित परमर्स लेके उचित उपचार का योजना बनाना चाहिये|

किडनी के पथरी के जोखिम कारक (Risk Factors for Kidney Stones)

  1. हैपरकेल्सिमिया(Hypercalcemia):ज्यादा से ज्यादा कैल्शियम लेवल ब्लड में होने से किडनी में कैल्सियम अक्सलेटपथरी का रिस्क ज्यादा हो सकता है|
  • हाइपरपैराथायरायडिसम(Hyperparathyroidism):यह स्थिति पैराथायराइड ग्लैंड के बहुत ज्यादा ब्यवहार के कारन होती है, जिससे किडनी में कैल्शियम का नजदीकी होना पथरी का बिकास होना सबसे बड़ा कारन बन सकता है|
  • सिस्टीननूरिया(Cystinuria):यह एक जेनेटिक रोग होता है जिससे मूत्रमार्ग से सिस्टीन नामक ओमिनो एसिड बहुत ज्यादा होती है, जो सिस्टीन पथरी के रूप में जाना जाता है|
  • मूत्रमार्ग में इन्फेक्शन(Urinary Track Infection UTI):मूत्रमार्ग में इन्फेक्शन होने पर मूत्रमार्ग की ग्रहण करने में समश्या हो सकती है जो पथरी का गठन को बढ़ाबा दे सकता है|
  • हाई लेवल यूरिक एसिड(Hyperuricemia): अगर सरीर में यूरिक एसिड का लेवल बहुत ज्यादा हो तो ये यूरिक एसिड पथरी का बिकास को बढ़ा सकता है|
  • बिशिस्ट दबाईयों का उपयोग(Use of Specific Medicines):कुछ दबाईयों का उपयोग जैसेकी डायुरेटिक्स(Diuretics) (मूत्र निकलने की दबाएँ) एंटीरेट्रोवाइरल दबाईयां किडनी के पथरी का जन्म लेने का कारन बन सकता है|
  • किडनी के बिकास से सम्बंधित अनुबंशिक अधिकता(Genetic Overexpression Related to Kidney Developments):कुछ जेनेटिक कारक किडनी में पथरी के बढ़ाबा दे सकते हैं|

यदि इन समश्या मे से कोई एक भी हो तो जल्द से जल्द अपने चिकित्सक से परामर्स करें, और ये जाने की  किडनी स्टोन क्यों होता है, और क्या है उपचार ?

किडनी के अन्दर पथरी कुछ इस तरह दिखाई देता है,

किडनी स्टोन का निदान केसे किया जा सकता है? (How Kidney Stones are Diagnosed)

किडनी में जो पथरी है उसका निदान केसे किया जा सकता है, निम्न लिखित अधिकतर प्रक्रिया इस्तेमाल किया जाता है|

  1. रोगी का इतिहास और शारीरिक परिक्षण(Patient History and Physical Examination): डॉक्टर सबसे पहेले रोगी का निजी और पारंपरिक इतिहास लेते हैं, जिसमे रोगी का लक्षणों और आदि का संकेतों का बिस्लेषण सामिल होता है| इसके साथ साथ शारीरिक परिक्षण भी किया जाता है, जिसमे कमर और पेट की अच्छी तरह से जाँच किया जाता है|
  • यूरिन परिक्षण(Urine Analysis):मूत्र परिक्षण के लिए मूत्र को संग्रहण किया जाता है, और लेबोरेटरी में उसकी जाँच किया जाता है| इसमें मूत्रमार्ग में रक्त्स्थुलता(Bleeding Obesity), एसिडिटी(Acidity), और मूत्र के रासायनिक संरंचना( Chemical Structure) की जाँच की जाती है|
  • इमेजिंग परिक्षण(Imaging Tests):किडनी की पथरी की योग्यता की जांच के लिए बहुत सारे इमेजिंग तकनीको का तरीका अपनाया जाता है| इसमें सामिल है:-
  • अक्स-रे(X-ray): ये किडनी के स्थान को देखने में मदद करता है, ख़ास कर कैल्शियम की पथरी के लिए|
  • अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): इसमें किडनी की स्ट्रक्चर और पथरी का अनुमान लगाया जा सकता है|
  • सिटी स्कैन(CT Scan):यह बिस्तार्पुवक् तस्बीरे प्रदान करता है, और किडनी स्टोन की स्थान,आकार,स्थिती का स्पष्टीकरण करता है|
  • मेग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (MRI):इसमें किडनी की पथरी की स्थिति का बिस्तार्पुर्वक अध्यन या पठन किया जाता है|
  • अन्य टेस्टिंग(Other Testing):कई बार डॉक्टर दुसरे टेस्ट भी करने के लिए बोल सकते हैं, जेसे की ब्लड टेस्ट और दुसरे भी जरुरी टेस्ट जिससे की ब्यक्ति का स्वस्थ्य स्थिती का पूर्ण छायांकन करने में मदद करता है|

इन सब टेस्ट करने के बाद डॉक्टर पथरी का आकार क्या है, स्थान क्या है और उपचार की योग्यता का मूल्यांकन करते है| और उसके आधार पर चिकित्सा का योजना बनाते है, इसलिए यदि आपको अगर पथरी के कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से मिले और अपना उपयुक्त उपचार क्या है जाने और उसका निदान करें|

किडनी स्टोन क्यों होता है, और उसका उपचार केसे करना चाहिए? (Kidney Stone Treatment)

किडनी में पथरी का इलाज वेसे तो बहुत सारे तरीकों से किया जाता है, जो निम्न लिखित कुछ हो सकते हैं,

दबाईयां(Medications):

  1. पथरी गलने की दबाईयां(stone passage medications): कुछ एसी दबाईयां भी दिया जा सकता है जो की मूत्र को अधिक तरल बनाने और पथरी को तोड़ कर छोटा करने में मदद करता है|
  2. जन्मागली दबाएँ ( Uric Acid Stone Medications):यूरिक एसिड पथरी को भी तोड़ ने के लिए बहुत से दबाएँ होती है जो यूरिक एसिड का लेवल को कम करने और पथरी के गुठ्ठे को ठीक करने में मदद करता है|

अस्पतालिय चिकित्सा(Hospital-Based Treatment):

  1. अल्ट्रासाउंड से बाहरी छेड़ना(Extracorporeal Shock Wave Lithotripsy,ESWL):ये चिकित्सा ज्यादातर आयाम की पथरी को बिना किसी ऑपरेशन से तोड़ने के लिए अपनाया जाता है| इसमें उच्च तड़क ऑपरेशन का उपयोग किया जाता है, जो की पथरी को तोड़ने में और छोटा करने में बहुत सहायक होती है|
  • अस्तबल की पथरी की समाप्ति(Percutaneous Nephrolithotomy, PCNL):बड़ी या अशिखित पथरी के लिए इस प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है, जिसमे की एक छोटी सी छेड़ से किडनी तक पहुँच कर उसे हटाया जाता है|
  • फ्लेक्सिबल एंडोस्कोपी (Flexible Endoscopy): यह एक बहुत ही अच्छा तरीका है जो की मूत्रमार्ग से होकर दीर्घकाय पथरी को देखने और हटाने में मदद कर सकता है|

खाद्य और परिवहन(Diet and Fluids):डॉक्टर्स हमेसा ये सलाह देते हैं की आप अच्छे से अच्छा आहार लें, पर्याप्त मात्र में पानी पिएं जो की प्रत्याबर्तन को कम करने में मदद कर सकता है| उन्हें भी ये योग्यता हो सकती है की आप अधिक से अधिक आप सुखात्मक परिणाम प्राप्त करें|

किडनी स्टोन का घरेलु इलाज? (Home Remedy for Kidney Stone)

यंहा कुछ घरेलू उपाय दिए गए हैं जो की मुख्यतः किडनी की पथरी को रोकथाम और उसके सम्बंधित दर्द को कम करने पर फोकस करता है,यह उपाय अपना कर आपको कुछ प्रतिसत मदद साबित हो सकता है|

  • पानी की प्राप्ति(Hydration) ज्यादा से ज्यादा पानी पिने से किडनी स्टोन बनने की खतरा कम हो जाता है, पानी कम पिने से किडनी का पथरी बनना एक बहुत बड़ा कारन माना जाता है| अधिक पानी पिने से यूरिन पतला होता है और किडनी में क्रिस्टल्स जमा नहीं होता है| 

कितना पानी पीना चाहिए एक दिन में?

किडनी स्टोन के बचाव के लिए कम से कम एक दिन में 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए

किडनी स्टोन केसे बनते हैं?

किडनी स्टोन बनने का सबसे बड़ा कारन होता है पानी कम पीना और, जब यूरिन में कुछ ख़ास केमिकल (जैसे कैल्शियम और ऑक्सालेट) जमा हो जाते है तो छोटे छोटे क्रिस्टल्स बनाने लग जाते हैं, और इन क्रिस्टल्स को धीरे धीरे बड़े होके किडनी स्टोन कहलाता है|

  • निम्बू पानी (Lemonade) लिम्बू पानी में सक्ति बढ़ाने वाला गुण होते हैं, जो कैल्शियम और ऑक्सालेट पथरियो को तोड़ने में मदद करता है| क्यों की निम्बू पानी में साइट्रिक एसिड होता है जो की बना हुआ पथरी को तोडना और नए पथरी अगर बन रहे तो उसको रोकने में बहुत मदद करता है| जिन को भी पथरी हुआ है वोह दिन में कम से कम 1 बार निम्बू पानी का सेबन करने की कोशिस करें|
  • सेव का सिरका(Apple Cider Vinegar) सेव के सिरके में एसिडिक होते हैं, जो पथरी को थोडा थोडा नरम करके उसे तोड़ने में या बिघटन करने में मदद करता है| और आसानी से पेशाब द्वार से बहार निकल जाते है, ध्यान रहे ही सेव का सिरका में अत्याधिकी एसिडिक होता है इसलिए एक गिलास पानी में 1 से 2 चम्मच सेव का सिरका मिलाये और  प्रतिदिन पिएं |
  • अजवाइन का पानी (Celery Water) अजवाइन में एंटीओक्सिडेंट और अन्य भी बहुत से गुण होते है जो की मूत्र सम्बंधित समश्या को कम करने में बहुत लाभ दायक होते हैं, अजवाइन में थाईमोल नामक एक योगिक होता है जो दर्द और सुजन को से राहत देने के काम करता है|

अजवाइन का पानी को बनाने की बिधि:

  • एक गिलास पानी में 1 से 2 चम्मच अजवाइन या उसका पाउडर भी मिला सकते है|
  • पानी को अछे से उबालें और ठंडा होने दें,
  • दिन में एक से दो बार इसको पिए|
  • अदरक(Ginger) आयुर्वेद के अनुसार अदरक को बहुत महत्यपूर्ण ओषधि माना गया है, और इसके बहुत से लाभ होते है, इसमें जिंजरोल नामक एक तत्वों होता है जो की पाचन समश्या, दर्द, सुजन को कम करने में मदद करता है| इसे गर्म पानी में बना के पिने से लाभ हो सकते हैं|
  • मुली का रस(Radish Juice) मुली का रस पथरी में बहुत लाभ कारी हो सकता है, इसे खाली पेट में लेने से अच्छा परिणाम मिल सकता है, मुली में डाययुरिटिक होते हैं जो की यूरिन की उत्पादन मात्र को बढ़ाते हैं|
  • त्रिफला(Triphala) त्रिफला स्वस्थ्य के लिए बहुत फ़ायदामंद होता है, इसे गर्म पानी में मिला कर लेने से लाभ मिल सकता है| त्रिफला सरीर के बिशाक्त पदार्थ को निकल ने में मदद करता है, त्रिफला में एसे गुण होतें हैं जो की सरीर के अन्दर का पानी को और अत्याधिकी नमक को निकलने ने में मदद करता है|

यह कुछ घरेलु उपाय किडनी स्टोन के लिए सामान्य रूप से सुझाव दिए जाते हैं, लेकिन आपको अगर कोई गंभीर लक्षण है तो अपने नजदीकी मूत्ररोग विशेषज्ञ से परमर्स लें|

निष्कर्स:

किडनी स्टोन एक बहुत ही गंभीर स्वस्थ्य समश्या है जिसे समय से पहले पहचानना और उसका निदान करना बहुत जरुरी है| इसलिए आपको हमेशा स्वस्थ्य आहार और पानी की अच्छी मात्र का सेबन और नियमित ब्यायाम जेसे आदतें किडनी स्टोन की समश्या को ठीक करने में मदद करता है, ये सारे दिए गए कोई लक्षण अगर आपको या आपके परिवार को दिखायि देने लगते हैं तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर्स से मिल के इसकी पूरी जानकारी लेनी चाहिए|

 अच्छा आहार लें, नियमित व्यायाम करें, और नियमित चेक्कप कराएं ताकि आप और आपके परिवार हमेशा खुशाल रहें| हमारा इस ब्लॉग का यह उदेश्य है की आप तक इन्फार्मेसन पहुँचाना बाकि आप इसे पढ़ें और किडनी स्टोन क्यों होता है, जाने इसका लक्षण और इलाज? पथरी के बारे में कुछ जानकारी ले सकते हैं, और अपने आप से कोई भी कदम न उठायें जो भी करें अच्छे डॉक्टर्स से मिले और उनका सुझाव लें| 

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